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स्टूल सॉफ्टनर कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

शरीराच्या वेगवेगळ्या भागात होणाऱ्या वेदना कोणत्या आजाराचे संकेत देतात?

बवासीर में गुदा के भीतर या बाहर छोटी गाठें या मस्से बन जाते हैं।

मदरलव ऑर्गेनिक रॉयड बाम: विशेष रूप से यह गर्भवती महिलाओं के लिए एक ऑइंटमेंट है।

इस घरेलू उपचार के लिए आपको चाहिए की कड़वी तोरई का रस निकालकर उसमे थोड़ी हल्दी और नीम का तेल मिलाकर लेप बना लीजिये और प्रतिदिन पाइल्स के मस्सों पर लगाइये ऐसा करने से पाइल्स के मस्से जड़से खतम हो जाते हैं।

पाइल्स से राहत पाने के लिए खाना सबसे अहम है. डाइट में खूब सारी हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और दालें शामिल करें.

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बवासीर को अक्सर उच्च प्रसार वाले सबसे आम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों में से एक माना जाता है। इसको स्थान और गंभीरता के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।

जैतून के तेल में सूजन ठीक करने वाले गुण होते हैं। यह रक्तवाहिकाओं में आई सूजन को कम करता है। जैतून के तेल को बादी बवासीर के मस्सों पर लगाएं।

गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं में बवासीर होने का अधिक खतरा रहता है। दरअसल प्रेगनेंसी के दौरान गर्भाशय फैलता है। इसके कारण कोलन में वेइन पर दबाव website पड़ने से यह सूज जाता है, जो बवासीर का कारण बनता है।

हां, आयुर्वेदिक चिकित्सा जैसे पंचकर्म, जात्यादि तेल, और जड़ी-बूटियों का उपयोग बवासीर को स्थायी रूप से ठीक करने में मदद कर सकता है।

जनरल सर्जन - गुदा रोग विशेषज्ञ (प्रोक्टोलॉजिस्ट)

त्रिफला चूर्ण : यह चूर्ण पाचन में सुधार और कब्ज को कम करके बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

बवासीर को सही डाइट, जीवनशैली और सही चिकित्सा सलाह से पूरी तरह से मैनेज किया जा सकता है — और कुछ मामलों में इसका स्थायी इलाज भी संभव है।

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